सर्वोपरि ज्ञान-दान
उ त्तराखंड के एक प्राचीन नगर में सुबोध नामक राजा राज्य करते थे। महाराज का नियम था कि राजकीय कार्य प्रारंभ होने से पूर्व वे आए हुए याचकों को दान दिया करते थे। इस नियम में उन्होंने कभी भूल नहीं की। एक दिन जब सब लोग दान पा चुके तो एक विचित्र स्थिति आ खड़ी हुई। एक व्यक्ति ऐसा आया जो दान के लिए हाथ तो फैलाए था, पर मुँह से कुछ न कहता था। सब हैरान हुए कि इसे क्या दिया जाए? एतदर्थ बुद्धिमान व्यक्तियों की समिति बैठाई गई। किसी ने कहा वस्त्र देना चाहिए, किसी ने अन्न की सिफारिश की। कोई स्वर्ण देने को कहता, तो ..