प्रेरणादीप
ए क कक्षा में उनके गणित के अध्यापक ने घर से हल करके लाने के लिए कछ सवाल दिए। एक लड़के ने सारे सवाल सही-सही कर लिए सिर्फ एक सवाल को हल करने में उसे एक मित्र की सहायता लेनी पड़ी। अगले ही दिन कक्षा में इसी लड़के के सब सवाल सही देखकर अध्यापक ने बड़ी प्रशंसा की और अपनी कलम इनाम में देने लगे, लेकिन यह क्या! लड़का फूट-फूटकर रोने लगा। मास्टरजी! इसमें से एक सवाल मैंने मित्र की सहायता से हल किया है। मैंने सारे सवाल हल कहाँ किए हैं? मैंने तो आपको धोखा दिया है, इसलिए मुझे इनाम नहीं, दंड मिलना चाहिए। मास्टर साहब उसकी सच्चाई से बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा- अब यह इनाम मैं तुम्हें तुम्हारी सत्यवादिता के लिए देता हूँ। यही बालक आगे चलकर गाँधीजी के राजनीतिक गुरु गोपालकृष्ण गोखले के नाम से संसार में प्रसिद्ध हुआ। कितनी प्रामाणिकता। ऐसी ही सत्यवादिता की आज समाज को आवश्यकता है।